हसरते थी मेरी भी कि , तुझपे जान वार दू, किसी ने किसी को ना चाहा हो, इतना मैं प्यार दु, तेरे प्यार के लिए मैं खुद को हार दू, मगर तेरे इस गुरुर ने , मेरे प्यार का शुरुर ही खत्म कर दिया, अब ना कर तू अपने प्यार का दावा, अब ये जानकर खुद को ,कैसे तुझपे निसार करू । Love shayari, Hindi Shayari