क़ैद हो गया हूँ दिल की सख़्त दीवारों में। मुझे अब इश्क़ नहीं आज़ादी चाहिए।। क़ैद हो गया हूँ दिल की सख़्त दीवारों में। मुझे अब इश्क़ नहीं आज़ादी चाहिए।। #क़ैद #हो #गया #हूँ #दिल #की #सख़्त #दीवारों #में। #मुझे #अब #इश्क़ #नहीं #आज़ादी #चाहिए।। #lalitkumargautam #parnassianscafe #ललितकुमारगौतम