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उसका तो हर अंदाज निराला सा लगे है। कातिल है मेरा औ

उसका तो हर अंदाज निराला सा लगे है।
कातिल है मेरा और मसीहा सा लगे है।।

वो जिससे कोई खास तआरूफ भी नहीं है
जब भी नजर आए अपना सा लगे है।

हम उसके बिना जैसे मुकम्मल ही नहीं हैं
जो काम भी करते हैं अधूरा सा लगे है।

मैं उसकी हर एक बात को किसतरह न मानूं
वो झूठ भी बोले है तो सच्चा सा लगे है।

इक उम्र हुई टूटे हुए दिल को हमारे
ये ज़ख्म मगर आज भी कल सा लगे है।

©Nilam Agarwalla
  #मंजूर_हासमी