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जीवन-साथी जीवन साथी से निभाएँ उसका

               जीवन-साथी
जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी।
रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदारी।।

सफर जब किया था शुरू कि चलेंगे कदम से कदम मिलाकर,
यात्री बदलते हुएँ, अपने साथी को ना दे धोखा,विष पिलाकर।
पुरूष के लिए नारी का सम्मान, जग में है सदा ही हितकारी,
पत्नी के अलावा शेष माँ, बहिन और बेटी की है अधिकारी।

संगत से सब काम है बनते, भूल ना जाएँ ये जानकारी।
जीवन साथी से निभाएँ...................

जीवन की दुपहिया गाड़ी का संतुलन होना चाहिए संतुलित,
एक तरफ, एक पहिया तो दुसरी तरफ भी हो वैसी ही गणित।
पति की गलतियों पर पर्दा डालती जाएँ वो कैसी है नार,
नर-नारी के राह भटकने से बढ़ता जाएँ जग में पापाचार।

पत्नी की कुसंगति से पति को सहनी पड़ती है लाचारी।
जीवन साथी से निभाएँ........

प्रकृति के नियमों पर चलते जाना, यौवन पर ना इतराना,
ढल जायेंगी जब ये जवानी, याद आयेंगा गुजरा जमाना।
भूल क्यों जाते है उन वादों कों, लिए गए जो फेरों के संग,
गैर पुरूष भाई समान तो, गैर नारी को बहिन कहने में जंग।

नर-नार रहे मर्यादित आचरण में, तो महक उठे फुलवारी।
जीवन साथी से निभाएँ.............       #rsmalwar


         जीवन-साथी
जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी।
रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदारी।।

सफर जब किया था शुरू कि चलेंगे कदम से कदम मिलाकर,
               जीवन-साथी
जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी।
रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदारी।।

सफर जब किया था शुरू कि चलेंगे कदम से कदम मिलाकर,
यात्री बदलते हुएँ, अपने साथी को ना दे धोखा,विष पिलाकर।
पुरूष के लिए नारी का सम्मान, जग में है सदा ही हितकारी,
पत्नी के अलावा शेष माँ, बहिन और बेटी की है अधिकारी।

संगत से सब काम है बनते, भूल ना जाएँ ये जानकारी।
जीवन साथी से निभाएँ...................

जीवन की दुपहिया गाड़ी का संतुलन होना चाहिए संतुलित,
एक तरफ, एक पहिया तो दुसरी तरफ भी हो वैसी ही गणित।
पति की गलतियों पर पर्दा डालती जाएँ वो कैसी है नार,
नर-नारी के राह भटकने से बढ़ता जाएँ जग में पापाचार।

पत्नी की कुसंगति से पति को सहनी पड़ती है लाचारी।
जीवन साथी से निभाएँ........

प्रकृति के नियमों पर चलते जाना, यौवन पर ना इतराना,
ढल जायेंगी जब ये जवानी, याद आयेंगा गुजरा जमाना।
भूल क्यों जाते है उन वादों कों, लिए गए जो फेरों के संग,
गैर पुरूष भाई समान तो, गैर नारी को बहिन कहने में जंग।

नर-नार रहे मर्यादित आचरण में, तो महक उठे फुलवारी।
जीवन साथी से निभाएँ.............       #rsmalwar


         जीवन-साथी
जीवन साथी से निभाएँ उसका साथी हमेशा वफादारी।
रहे सदा प्रसन्न, सफर के दोनों यात्रियों की है ये जिम्मेदारी।।

सफर जब किया था शुरू कि चलेंगे कदम से कदम मिलाकर,
rsmeena3946

R.S. Meena

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