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कुछ दिन ऐसे होंगे जब तुम दीवारों को तकोगे, कुछ दिन

कुछ दिन ऐसे होंगे जब तुम दीवारों को तकोगे, कुछ दिनों को तुम शराब में घोल कर पी जाओगे, कुछ दिन ऐसे भी होंगे जब तुम बेमतलब फ़ोन लगाओगे..झल्लाओगे, कुछ सुबह तुम ताज़ा होगे शाम होते - होते मर जाओगे, कुछ रातें बहुत काली होंगी.. गीली होंगी.. ख़याली होंगी, रात को तुम सो नहीं पाओगे दिन में जाग नहीं पाओगे, कुछ दुपहर शमशान सी होंगी शरीर और दिमाग़ में भी जान न होगी, पर तुम्हें जीना होगा कुछ दिनों तक ऐसे ही फिर कुछ दिनों के लिए. #gocorona #covid19 #quote #quotes #shayari #koshish #life
कुछ दिन ऐसे होंगे जब तुम दीवारों को तकोगे, कुछ दिनों को तुम शराब में घोल कर पी जाओगे, कुछ दिन ऐसे भी होंगे जब तुम बेमतलब फ़ोन लगाओगे..झल्लाओगे, कुछ सुबह तुम ताज़ा होगे शाम होते - होते मर जाओगे, कुछ रातें बहुत काली होंगी.. गीली होंगी.. ख़याली होंगी, रात को तुम सो नहीं पाओगे दिन में जाग नहीं पाओगे, कुछ दुपहर शमशान सी होंगी शरीर और दिमाग़ में भी जान न होगी, पर तुम्हें जीना होगा कुछ दिनों तक ऐसे ही फिर कुछ दिनों के लिए. #gocorona #covid19 #quote #quotes #shayari #koshish #life