मो. अखलाक से तबरेज से होकर साधु तक... इसका न रंग है न ही मज़हब न जाने फ़िर कहाँ से आयी है । जो समझ न सके ख़ुद के मज़हब को उसी भीड़ ने तो लाठी उठाई हैं । किसी को बांध के मारा तो किसी को जिंदा ही आग लगाई ही न जाने फ़िर कहाँ से आयीं हैं । हर धर्म व रंग के कुछ शैतानों ने मिलकर ही तो इस चिंगारी को आग बनाई हैं । न जाने फिर कहाँ से आयीं हैं इस आग ने कई चूल्हों की आग बुझाई हैं । :-Deepak🍁 #Life #MobLynching #palghar #hindu #Muslim #huminity #dharm #majahab #gulazar #Nojoto