एक क़तरा हूं मुझे कोई न दरिया समझे, प्यास जिसकी भी बुझा दूं, मुझे अपना समझे। ऐ ख़ुदा मुझको तू इतना बड़ा हरगिज़ न बना, फिर मिरे सामने ख़ुद को कोई छोटा समझे। जब किसी ख़्वाब की ताबीर लिखी जाए तो, उसपे लाज़िम है कि वो ख़्वाब को सच्चा समझे। #cinemagraph #yqaliem #qatra #khwabkitabeer #urduhindi_poetry