सच्चे-मित्र मिलें जीवन में सच्चे मित्र, कार्य सब पूर्ण होते हैं। दुर्गुणों को नष्ट करके, सद्गुणी बीज बोते हैं।। कुसंगति से बचा करके, हमें सत्संग देतें हैं। ना छोड़े साथ विपदा में, वही सन्मित्र होते हैं।। -पं. शिवेन्द्र मिश्र "मनमोहन"