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तुम बिन शाम भी थी धुआँ धुआँ रूह भी थी बहुत उदास,

तुम बिन शाम भी थी धुआँ धुआँ 
रूह भी थी बहुत उदास, 
रातें भी तडपती रही तेरे इन्तज़ार में,,,
फिर 
सुबह जब देखा तुम्हे इक नज़र 
दिल को धडकन, 
और मुझको साँसें मिल गई,,,,❤🤞

©Sagar Naggrewal
  # मेरी आरज़ू

# मेरी आरज़ू #Poetry

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