हाय रे मेरे उल्फत का नजरीया, तुझे देखते ही मै हुई बावरीया, तु ही मेरा सावरीया, तू ही मेरा सावरीया, हाय रे उन दिनो मे रोज-रोज ना मिलना, दिन का जल्दी से डुबना, बगीचे मे बहुत कम मिलना, एक दफा तो है, दिल मे फुल खिला है, इश्क की रोशनी से जो मिला है, तु ही मेरा सावरीया, हुई मै बावरीया, #बावरीया #सावरीया #कविता