राँझा वो उम्र भर जिंदा रहा,एक लफ़्ज की खातिर। वो रात भर पीता रहा, एक दर्द की खातिर।। हर पलक हर एक क्षण घुट घुट के वो जिया। वो इश्क़ में ही मर गया इस इश्क़ की खातिर।। ।।©नरेन्द्र कुमार।। #राँझा