कतरा-कतरा पल-पल ढूंढ रहा है मन मेरा सुकुन................... बिछड़ रही है देह मेरी रूह से कई दूर रिश्ते-नाते सब रह गए यहीं-कहीं मुझ से दूर कतरा-कतरा पल-पल ढूंढ रहा है मन मेरा सुकुन...............….. जग से हुई पराई आबरू जो संग लायी अपने पवन की तरह रूह तनिक उसे छोड़कर सब मोह - माया रह गयी यहीं-कहीं दूर कतरा-कतरा पल-पल ढूंढ रहा है मन मेरा सुकुन............... ©miss A@ravi rv #The__writer__of__rv✍️✍️✍️ #poem #souloflove#like#share #Rooh#pal_pal #Smile#🖤🖤🖤🖤##lonely