दिल तो अपनों ने तोड़ा है गैरों से क्या वास्ता साफ दिख रही है तेरी बेवफाई के मंजर अंधेरे में अब उजालों से क्या वास्ता फेर ली है मुंह उसने, जो हुआ करते थे कभी मंजिल मेरी अब तो अंजान सी लगने लगी हैं हर रास्ता दिल तो अपना ने तोड़ा है गैरों से क्या वास्ता -Guriya paul(student) #Vinayvinayakshayari #Vinayvinayakpoetry #dreamlove#sad