Dil Shayari "तेरी राह की रेहगुजर हूं खुद से क्यों अब बेखबर हूं ........ पता नहीं क्यों सब अधूरा सा लगता है तेरे बिना इसलिए तेरे ही इंतज़ार में दिन भर तड़पती हूं ...... ना तड़पा इतना की होश खोदू तेरे लिए खुदको दिलासा देती रही बस यही हर गलती करती रही .........खुद के खुदा से भी बेखबर होती रही ........." #इंतज़ार है किसी का #