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मिले रूप को कुरूप ना कर, प्रभु का दिया सभी सुन्दर

मिले रूप को कुरूप ना कर,
प्रभु का दिया सभी सुन्दर ।
नारद निज रूप हुए विमुख,
श्री हरि ने बना दिया बंदर।।
पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  प्रभू की कृति सर्वोत्तम कृति

प्रभू की कृति सर्वोत्तम कृति #कविता

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