वो बचपन जिसे थोड़ा और जीना था, जिसे अपने पिता का ख्वाब सीना था। आतंक के नाम पर ढह गया बचपन, जिसे अपनी माँ के आंसू को पीना था। चीख बिलख कर भी कुछ कह न सका वो, मुँह भींच कर भी दर्द सह ना सका वो। आंखों में लहू लिये, मां की गोद में रह गया वो, "शिकायत करूँगा रब से" मरते-मरते कह गया वो। आपकी रचना से प्रेरित Yeasmin Ali #सीरिया #बचपन #faujikealfaaz #diltofaujihaiji #kuldeepsharma #ballpen #yqdidi