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जैसे मरुस्थल में कोई पौधा निकल आए तो अचरज हो, इश्

जैसे मरुस्थल में कोई पौधा निकल आए तो अचरज हो,
इश्क़ का भी कोई मजहब निकले आए तो अचरज हो!

कोई कहे की लफ्जो में बयां कर दू में मोहब्बत,
तो उसकी इस गुस्ताखी भरी बात पे अचरज हो!!1!! #lovefriendship
जैसे मरुस्थल में कोई पौधा निकल आए तो अचरज हो,
इश्क़ का भी कोई मजहब निकले आए तो अचरज हो!

कोई कहे की लफ्जो में बयां कर दू में मोहब्बत,
तो उसकी इस गुस्ताखी भरी बात पे अचरज हो!!1!! #lovefriendship