मैं रूठा तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन? आज दरार है कल खाए होगी फिर भरेगा कौन? मैं चुप तुम भी चुप इस चुप्पी को फिर तोड़ेगा कौन? बात छोटी को लगा लोगे दिल से तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन? दुखी मैं भी और तुम भी बिछड़कर सोचो हाथ बढ़ाएगा कौन? न मै राजी ना तुम राजी फिर माफ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन? डूब जाएगा यादों में दिल कभी तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ? एक अहम मेरे एक तेरे भीतर भी इस अहम को फिर हराएगा कौन? जिंदगी किसको मिली है सदा के लिए फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन? मूंद ली दोनों में से गर किसी एक ने आँख तो कल इस बात पर फिर पछतायेगा कौन? मैं रूठा तू भी रूठा