सुनो... तुम तान देते हो अंगुली कभी भी किसी पर भी गिना देते हो कमियाँ अनगिनत औरों की कभी ग़ौर किया तुमने अपनी ओर भी अछूते नहीं तुम भी ख़ामियों से बिल्कुल बताने से पहले ग़लतियाँ दूसरों की अपनी कमियों पर भी रखिए नज़र करने से पहले जाँच-पड़ताल दूसरों की खुद को भी परखा है तुमने कभी बता देते हो तुम कौन कहाँ ग़लत ख़ुद की स्थिति देखी है तुमने कभी चरित्र-निर्माण कर देते हो किसी का भी अपने चरित्र का खाका तैयार किया कभी कह देते हो किसी को भी इंसान नहीं वह अपने भीतर के पशु को मारते हो कभी तान देते हो तुम अंगुली किसी पर भी अपनी तरफ मुड़ी अंगुलियों पर नज़र रखते हो कभी..! मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈🌈🌈 सुप्रभात। अपनी कमियों पर भी नज़र रखने वाले कभी मार नहीं खाते। #कमियोंपररखोनज़र #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi