मत कर अब और ज़ुल्म ए- इंसा इन बेजुबानों पर... बड़ी खूबसूरती से नवाजा है इन्हें भी उस रब ने,, जब दुःख के बादल छाए उस रब पर तो बन औषधि खुद का शिश किया कुर्बान । ना पहुंचाई क्षति किसी को, ना पहुंचाई चोट किसी को.. फिर भी मानव ने बस अपने मनोरंज के लिए ले ली उस बेजुबा की जान। लो आज फिर एक बार हो गई मानव जाति शर्मसार।। Sejal Verma ( Navi). ज़ुल्म...