संख्य है असंख्य तू| चंद्र से सुशोभित महाकाल है प्रचंड तू| वैष्णव और ब्रह्मं तुम| जीवन और जीवंत तुम तुम सरल विराट तुम| अंत और अनंत तुम| तेज़ और अखंड तुम| हिमालय सा ललाट और आंखे हैं समुद्र सी देवों के प्रिय और दानवों के काल तुम| कालो के काल महाकाल और प्रचंड तुम| सर्प की जटाएं, सिंह जिसका आसन मैं जिनकी करुं वंदना और अभिनंदन| सभी शिव भक्तों को श्रावण मास की शुभकामनाएं| #Shiva #lordshiva #sawan #shivratri #Nojoto #nojotoquote #nojotohindi #nojotonews