महामहिम श्री केशरी नाथ त्रिपाठी जी की विदाई के अवसर पर सादर समर्पित 💐कुण्डलिया💐 तिरपाठी जी केशरी, हैं नाथों के नाथ। छोड़ चले बंगाल को,करके हमें अनाथ।। करके हमें अनाथ, मरम सबने पहचाना। कहा सत्य को सत्य,झूठ को कभी न माना।। कहते 'गिरिधर राय', बदल दी सब परिपाटी। जन-जन को दे मान,लोकप्रिय हुए त्रिपाठी।। 💐 एक मुक्तक 💐 मिलने जो भी गया प्रभावित होकर आया रही समस्या कैसी भी उसको सुलझाया आने को तो आये अबतक बहुत गवर्नर पर तुझसा कवि-हृदय गवर्नर एक न आया @गिरिधर राय कुमारसभा पुस्तकालय 27 जुलाई 2019