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ऐ जान-ए-जानाँ ताउम्र तुझसे वाबस्ता रहेगा मेरे कदमो

ऐ जान-ए-जानाँ ताउम्र तुझसे वाबस्ता रहेगा
मेरे कदमों के आगे तेरे घर का रास्ता रहेगा

तू चाहें जितना ज़ुल्म ओ सितम कर ले मुझ पर
तेरे प्यार में ये दिल-खस्ता हैं ओर खस्ता रहेगा

तू ओझल हो जा मेरी या दुनिया की नजरों से
खुश्बुओं से तुम्हें देखता मेरा गुलदस्ता रहेगा।

जब क़भी शाम होंगी मेरी उम्मीद-ए-वफ़ा की 
क़ब्र पर रखा अपनी कहानी का बस्ता रहेगा।

©Ramjaane Solanki #उम्मीद_ए_वफ़ा 
#lonely
ऐ जान-ए-जानाँ ताउम्र तुझसे वाबस्ता रहेगा
मेरे कदमों के आगे तेरे घर का रास्ता रहेगा

तू चाहें जितना ज़ुल्म ओ सितम कर ले मुझ पर
तेरे प्यार में ये दिल-खस्ता हैं ओर खस्ता रहेगा

तू ओझल हो जा मेरी या दुनिया की नजरों से
खुश्बुओं से तुम्हें देखता मेरा गुलदस्ता रहेगा।

जब क़भी शाम होंगी मेरी उम्मीद-ए-वफ़ा की 
क़ब्र पर रखा अपनी कहानी का बस्ता रहेगा।

©Ramjaane Solanki #उम्मीद_ए_वफ़ा 
#lonely