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खानाबदोशी इस कदर रास आने लगी मैंने अपने दुनिया बस

खानाबदोशी इस कदर रास आने लगी 
मैंने अपने दुनिया बसनुमा घर में बसा ली

जब भी मन करे शहर गांव बदल सकता हूं 
स्थाई घर नहीं मेरा मै कही भी रह सकता हूं 

ज़मीनों के दाम आसमान छूने लगे है 
जमीनों के दलाल फलने फूलने लगे हैं 
बबली गुर्जर

©Babli Gurjar
  बस वंदना .... Nîkîtã Guptā Bhanu Priya Ankit Boss golden heart Miss Shalini