वो मुझे कुछ मेरा सा लगा उस अंधेरी रात में वो मुझे जुगनू सा लगा थोड़ा चेहरे पर मुस्कुराहट उसे देख कर आयी थी लेकिन वो भी इस जमाने में टूटा सा लगा उसका साथ शायद मेरे हाथ में ना था वो करीब था कुछ ऐसे मेरे जैसे कोई कभी ना था अब मेरी हर दुआ में नाम शामिल खुद - खुद हो जाया करता था जब भी आंखे बन्द करती उसका चेहरा रूबरू हो जाया करता था #अपना सा लगा