White आओ बैठो कहो ज़हन में क्या क्या है माजी़ है मुश्तकबिल है आज नहीं तो फायदा क्या है किस मोह में पकड़ रखी ये बेजान ज़मीन तुमने जो हम तुम ही न रहे तो इसका फ़ायदा क्या है गुजरा बदल न सके कल पर बस नहीं है आज तड़प कर जीने का फायदा क्या है। मुफलिसी ने बर्बाद कर दिया लड़कपन जिसका ताउम्र तख़्तो ताज मिले तो फायदा क्या है। ये जो मौन मौन से लोग हैं तेरे हर तरफ़ मैयत पे आकर रो भी दें तो फायदा क्या है।। ©Dr Amit Gupta हिंदी शायरी