फिर मुझे, वो इश्क़-ए-तरन्नुम के तराने; की उनके जुल्फों तले, साँझ ढला करती थी... सुन ले ओ वक़्त के मुसाफ़िर, हमें भी एक बेनज़ीर, बेइंतहा मोहब्बत किया करती थी...😶 याद आया #यादआया #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi