Autumn आसक्ति से मुक्ति इस जीवन के खेल से अलग आज सौंदर्य में है सबका ध्यान जानत है बुढ़ापे की ओर चले मिटाने प्राण प्रतिस्पर्धा पहचान। ये तो मोह माया का खेल है परम सत्य से है हम विचलित रूप धन की महिमा हलाहल है परमात्मा में ही अमृत सा शांति हित। हसी में छुपी है प्राचीन गहराई विनोद से है सम्पूर्ण सत्कार संसार की मोह माया से परे निःसंगता में ही है उपकार। ©Sonali Ghosh #autumn