White गीत "गुलशने हुस्न से, आई है मेरी शहज़ादी है हसीन खूब, वो हूरों की लगे है रानी" "जब करे बात तो, जैसे कि शहद है घोले, उसकी हर बात से उल्फत की महक है फूटे सारे गुलशन में उसी के दम से रंगत हुस्न उस को मिला ऐसा नहीं जिसका सानी" "गुलशने हुस्न से, आई है मेरी शहज़ादी अपनी ज़ुल्फों को, जो लहराए, घटा छा जाए, वो जो मुस्काए तो गुलशन में बहार आ जाए मुश्के अम्बर सी महक उसके बदन से आए , उसकी तारीफ़ ज़बान से नहीं होने वाली "गुलशने हुस्न से, आई है मेरी शहज़ादी इक नज़र देख ले, कोई तो हमेशा देखे, और उसे याद आए हमेशा सोते उठते दिल में तूफ़ान उठे, सांस रुके दिल धड़के, चेहरा है चाँद, बदन संदल,आँख मिस्ले हिरनी गुलशन हसन से आई है मेरी शहज़ादी ©Saad Balrampuri #Thinking urdu poetry urdu poetry sad metaphysical poetry kittu Dhyaan mira