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शुक्रगुज़ार हूँ उस दिन जिस दिन ईश्वर ने मुझे आपकी ग

शुक्रगुज़ार हूँ उस दिन जिस दिन ईश्वर ने मुझे आपकी गोद मे रख दिया,
न आभास था क्या सही क्या गलत तूने ऊँगली पकड़ सब सीखा दिया,
तेरी ममता का न कोई छोर न अंत,तू खुद ही ईश्वर की अनन्त कृति है,
बन तेरी परछाई आज अपनी नवपरिभाषा रचूं, ऐसा मुझे साहस दिया।
 🌝प्रतियोगिता-97 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"क्या सही क्या गलत"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
शुक्रगुज़ार हूँ उस दिन जिस दिन ईश्वर ने मुझे आपकी गोद मे रख दिया,
न आभास था क्या सही क्या गलत तूने ऊँगली पकड़ सब सीखा दिया,
तेरी ममता का न कोई छोर न अंत,तू खुद ही ईश्वर की अनन्त कृति है,
बन तेरी परछाई आज अपनी नवपरिभाषा रचूं, ऐसा मुझे साहस दिया।
 🌝प्रतियोगिता-97 🌝
 
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🌹"क्या सही क्या गलत"🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I