जो कहना नहीं था , उसे एक पल में कह दिया जो कहना था,उस अहसास को खामोश कर दिया मंजिल सामने थी पर राह को ही बदल दिया एक अनजानी डगर पर सफर चुन लिया मुश्किल सा प्रश्नपत्र भेजा था मुझे ... बस कुछ इस तरह हल किया मैनें रुसवाई थी,घबराई थी फिर भी मुस्कुराकर कदम बढाया प्रश्नपत्र