लोग लड़ते है मिलने के खातिर अपनी तो बिछड़ जाने की लड़ाई है
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी
भूल नही पाउँगा वो लम्हा जब तुमने दिल की धड़कने सुनाई थी
ये बिछड़ना-मिलना यह तो शायद मोहब्बत है
अपने प्यार को वो दे देना जिसकी उसको जरूरत है
हम दोनों थे कैद कही अपनी समझ की सलाखों में
तुमने ऐसा रिहा किया खुद आज़ादी शर्मायी थी
जीत मिली दोनों की बस आंसू की कमाई थी #Poetry#RepublicDay2022