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आजकल का सच - 1 फटा कपड़ा रफू करने का रिवाज था, टूट

आजकल का सच - 1

फटा कपड़ा रफू करने का रिवाज था,
टूटा रिश्ता भी जोड़ ही लिया जात था !
अब नये कपड़े फाड़ के पहने जात है,
रिश्तों में जरा सी खराश भी न बर्दाश्त है !!

तलाक बढ़ रहे, परिवार उजड़ रहे,
आपसी अपनेपन को सभी तरस रहे !
हंसी खुशी जी पाना कम को ही नसीब,
साजिशो से सने गम के बादल बरस रहे !!

हे राम ...

-आवेश हिन्दुस्तानी 23.09.2021

©Ashok Mangal #AajKalKaSach
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#talaq
आजकल का सच - 1

फटा कपड़ा रफू करने का रिवाज था,
टूटा रिश्ता भी जोड़ ही लिया जात था !
अब नये कपड़े फाड़ के पहने जात है,
रिश्तों में जरा सी खराश भी न बर्दाश्त है !!

तलाक बढ़ रहे, परिवार उजड़ रहे,
आपसी अपनेपन को सभी तरस रहे !
हंसी खुशी जी पाना कम को ही नसीब,
साजिशो से सने गम के बादल बरस रहे !!

हे राम ...

-आवेश हिन्दुस्तानी 23.09.2021

©Ashok Mangal #AajKalKaSach
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#talaq
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Ashok Mangal

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