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"ठोकरें ख़ाता हूँ पर, "शान" से चलता हूँ। मैं खुल

"ठोकरें ख़ाता हूँ पर, "शान" से 
चलता हूँ। 
मैं खुले आसमान के 
नीचे, सीना तान के चलता हूँ।

मुश्किलें तो "साज़" हैं ज़िंदगी का,

"आने दो" ।
 उठूंगा, गिरूंगा फिर उठूंगा 
औरआखिर में "जीतूंगा मैं 
"ये ठान के चलता हूँ!"

©Shubham Raj Tiwari
  हिम्मत  Madhusudan Shrivastava Nandani patel sm@rty (दिवि)divi Pandey Riya Soni Alka Pandey