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मैने तो काँटों को भी नरमी से छुआ था पर क्या मालुम

मैने तो काँटों को भी नरमी से छुआ था पर क्या मालुम था कि चुभ ही जायेंगे
सुना था लोग तेज़ी से फूलों को मसल देते है क्या मालुम था कि कांटे भी मुरझा जायेंगे Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "फ़लक"
अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।

Example:
मैने तो काँटों को भी नरमी से छुआ था पर क्या मालुम था कि चुभ ही जायेंगे
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