बंजर ज़मीन पर कहां, मिलती हैं हरियाली, कोस-कोस पर कहीं, कोई दरख़्त मिलेगा,, तुम भूल जाते हो, तुम पर कहां गुजरी,, हम भूल जाएंगे, थोड़ा वक्त लगेगा,, ©Nishank Pandey #गुजरी