इत्तेफाकन यूं लोगों का शोर होता जा रहा , बादलों का पहरा भी घनघोर होता जा रहा। अनिष्टता का गंतव्य मिट जाएगा संसार से , चीर कर अंधेरे को नया सवेरा आ रहा है। - आचमन चित्रांशी ©Achman Chitranshi #Sun #Poet #Poetry #Shayar #Shayari