इल्म के साग़र में, मुझको उतारा आप ने। मैं भटक रहा था, दिया सहारा आप ने।। दिल को करके साफ , भर दिया नूर से। पढ़ना सिखाया मुझको, चेहरा आप ने।। पूछिये उनसे जाकर, मर्तबा उस्ताद का। कर दिया करम, जब भी पुकारा आप ने।। आये वो यहाँ,जिनको छूना हो,आसमाँ को। जो भी आता है, उसको संवारा आप ने।। "सानी" क्यों न चूमे,कदम अपने उस्ताद का। मुझको मौजों से लाया, किनारा आप ने।। (Saani) Dedicated to all my teachers. #Teachers #Nojoto #Nojotoapp #Nojotohindi #Shayari #Poem #Gajal