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Tum se ek shikayat hai सिर्फ जुबां से किया हुआ ही

Tum se ek shikayat hai सिर्फ जुबां से किया हुआ ही वादा नहीं होता बार-बार इजहार से प्यार ज्यादा नहीं होता मुझे जानना है तो मेरी रूह में समा जाओ सिर्फ कनारे से समंदर का अंदाजा नहीं होता !!
__✍️ कवि प्रवीण प्रजापति "प्रखर" शायरी संग्रह
Tum se ek shikayat hai सिर्फ जुबां से किया हुआ ही वादा नहीं होता बार-बार इजहार से प्यार ज्यादा नहीं होता मुझे जानना है तो मेरी रूह में समा जाओ सिर्फ कनारे से समंदर का अंदाजा नहीं होता !!
__✍️ कवि प्रवीण प्रजापति "प्रखर" शायरी संग्रह