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क्या लिखूं क्या कहूं# क्या लिखूं क्या कहूं भूल रही

क्या लिखूं क्या कहूं#
क्या लिखूं क्या कहूं भूल रही हूं मैं
न जाने किस युग में झूल रही हूं मैं
कभी कभी अच्छा बहुत अच्छा लगता
है भूल जाना।
न स्मृतियों के फूल न विस्मृतियों के
शूल अपनाना।
बस बस कुछ भूलकर हो जाओ मौन
फिर रहस्य, सत्य जान पाएगा कौन।

©Veena Kapoor भूल जाना
स्मृतियों के फूल
विस्मृतियों के शूल
सत्य

#MereKhayaal
क्या लिखूं क्या कहूं#
क्या लिखूं क्या कहूं भूल रही हूं मैं
न जाने किस युग में झूल रही हूं मैं
कभी कभी अच्छा बहुत अच्छा लगता
है भूल जाना।
न स्मृतियों के फूल न विस्मृतियों के
शूल अपनाना।
बस बस कुछ भूलकर हो जाओ मौन
फिर रहस्य, सत्य जान पाएगा कौन।

©Veena Kapoor भूल जाना
स्मृतियों के फूल
विस्मृतियों के शूल
सत्य

#MereKhayaal

भूल जाना स्मृतियों के फूल विस्मृतियों के शूल सत्य #MereKhayaal #कविता