Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज का ख्याल तुम्हें खिलती हंसी लिखूं,या मेरे दिल

आज का ख्याल

तुम्हें खिलती हंसी लिखूं,या मेरे दिल का गम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम l।

तुम खुशबू हो तुम साज हो,तुम मेरा कल और आज हो,
तुम गीत हो तुम राग हो, हो हकीकत तुम या कोई राज हो,
तुम्हें दिल का ज़ख्म लिखूं या लिखूं मरहम 
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

तुम रूप हो तुम रंग हो, मुक्त गगन में उड़ती पतंग हो,
तुम धड़कन हो तुम सांस हो, जैसे हर पल मेरे संग हो,
बारिश की बूंद लिखूं या लिखूं शबनम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

©कवि शिवा "अधूरा" #कल #कलम #प्रेम 
#Roses
आज का ख्याल

तुम्हें खिलती हंसी लिखूं,या मेरे दिल का गम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम l।

तुम खुशबू हो तुम साज हो,तुम मेरा कल और आज हो,
तुम गीत हो तुम राग हो, हो हकीकत तुम या कोई राज हो,
तुम्हें दिल का ज़ख्म लिखूं या लिखूं मरहम 
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

तुम रूप हो तुम रंग हो, मुक्त गगन में उड़ती पतंग हो,
तुम धड़कन हो तुम सांस हो, जैसे हर पल मेरे संग हो,
बारिश की बूंद लिखूं या लिखूं शबनम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

©कवि शिवा "अधूरा" #कल #कलम #प्रेम 
#Roses