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जिस तरह पानी की बूंद बहाव में मिलकर अपना आकार और अ

जिस तरह पानी की बूंद बहाव में मिलकर अपना आकार और अस्तित्व खो देती है उसी तरह स्नेह भी रुप और परिमाण में नहीं रहता...मैं तुम्हें बस एक अपनी कोख नहीं दे पाई नौ महीने के लिए बाकी मैंने अपने लिए रखा ही क्या... रेत सा बिखरकर अपना अस्तित्व खोती रही... समंदर सी गर्जना सुनने को. #2/365 #365दिन365कोट #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes 
#365r_abhi कृपया इस टैग का प्रयोग न करें.
जिस तरह पानी की बूंद बहाव में मिलकर अपना आकार और अस्तित्व खो देती है उसी तरह स्नेह भी रुप और परिमाण में नहीं रहता...मैं तुम्हें बस एक अपनी कोख नहीं दे पाई नौ महीने के लिए बाकी मैंने अपने लिए रखा ही क्या... रेत सा बिखरकर अपना अस्तित्व खोती रही... समंदर सी गर्जना सुनने को. #2/365 #365दिन365कोट #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes 
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