जुल्फों के साए में आ जाओ ना हमदम मुझे तेरा बनाओ ना रुख़सार पर उलझी हैं लटें कब से अब चेहरे से तुम हटाओ ना शब महकती है नाम से तेरे पहलू में वक्त तुम बिताओ ना ये चाँदनी चमक रही जानाँ अब दास्तां नई सुनाओ ना तुम जान बन गए कहे 'नेहा' थोड़ा सा तुम भी मुस्कुराओ ना ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1040 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।