कभी साथ बैठो तुम्हें ये बताएँ दूर से पूछते हो क्या कहें ,क्या छिपाएँ जुड़े हो हमसे बेशक पर उतरे अभी नहीं हो कुछ मजबूरियाँ तुम्हारी कुछ मेरा हिचकिचाना ले गया कहाँ तलाश करोगे तुम फिर से ज़िदंगी को मन के आँगन में आकर कोई पंछी आबो-दाना ले गया... © abhishek trehan ♥️ Challenge-685 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।