खामोशियाँ अक्सर कलम से बयां नहीं होती, अंधेरा दिल में हो तो रौशनी से आशना नहीं होती,लाख जिरह कर लो अल्फाजों में खुद को ढूंढने की, जले हुए रिश्तों से मगर रौशन शमा नहीं होती ! ©Uma sharma subh ratri