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मैं तो बस फूल की तरह महकना चाहता था, जाने कैसे चुभ

मैं तो बस फूल की तरह महकना चाहता था,
जाने कैसे चुभ गया ,मैं कांटा तो नही ।
जितना तुमने जहन में सोचा है
उतना मैं बुरा तो नहीं।

©संतोष दत्ता
  #चोट