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भाग 2 झटके से फिर निंद्रा टूटी विद्युत् कंपन से द

भाग 2
झटके से फिर निंद्रा टूटी 
विद्युत् कंपन से दौडा उठा 
केशव की ज्ञान गर्जना से 
सारा ब्ह्माँड डोल उठा 
तरकश से तीर खनक उठे 
टंकार धनुष का प्रबल हुआ 
पार्थ धरातल पर अए 
दल में गौरव का प्राण बसा 
माधव बोले टंकार बजा 
गान्डीव हाथों पर धारण कर 
जीवन को जीवित रखने को 
मर या रण में मारण कर।
"राधेय"

©Vinayak Mishra चक्रधर

#janmaashtami
भाग 2
झटके से फिर निंद्रा टूटी 
विद्युत् कंपन से दौडा उठा 
केशव की ज्ञान गर्जना से 
सारा ब्ह्माँड डोल उठा 
तरकश से तीर खनक उठे 
टंकार धनुष का प्रबल हुआ 
पार्थ धरातल पर अए 
दल में गौरव का प्राण बसा 
माधव बोले टंकार बजा 
गान्डीव हाथों पर धारण कर 
जीवन को जीवित रखने को 
मर या रण में मारण कर।
"राधेय"

©Vinayak Mishra चक्रधर

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