जिंदगी के रास्तों पर चलते चलते कभी जब, अपने छूटते हैं या दोस्त रूठते हैं तो एक सवाल होता है, आखिरी मुकाम पर मेरा कौन। जिंदगी मैं सपनो की राह पर चलते चलते कभी जब, कठिनाइयों के बीच अकेले होते है या थक जाते है तो एक ख्याल आता है, सपनो के सच होने पर ख़ुशीया बाटने के लिए मेरा कौन। इन राहों पर आगे बढ़ते बढ़ते कभी जब, रास्तों की नदियों में खुद का प्रतिबिंब या अंधेरेमे खुद की परछाई दिखती है तो एक बार फिर याद आता है, मेरी सांसे, मेरे सपने, मेरी उम्मीदे मेरे है, मैं मेरी हूं। फिर अचानक से वो प्रतिबिंब और परछाई कभी जब, घूंधले लगने लगते हैं तो एक डर सा लगता है, अब मेरा कौन। और डर के मारे अचानक से जब, आंखें बंद हो जाती है तब एक चेहरा दिखता है, एक जाना पहचानी सी आवाज कहती है कोई तेरा हो ना हो अगर तू भी तेरा ना हो पर मैं हमेशा हर घड़ी तेरी हूं। फिर एक बार सुकून की सांस आती है जो कहती है, और कोई मेरा हो ना हो, मेरी मां हमेशा मेरी है। #मेराकौन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #whoismine #mylifemydreams #mymomismine #loveyoumummy Collaborating with YourQuote Didi