पल्लव की डायरी करीब आकर हम घुलने मिलने लगे है थामके हाथ,एक दूसरे को समझने लगे है जिंदगी के हर पहलू में अपने साथी की जरूरत महसूस करने लगे है तन्हा होकर उम्र तो कट जाया करती है मगर दिलो पर बोझ, जज्बातो का रह जाता है एक साथी के बिना,अधूरा जीवन रह जाता है मन को बहलाने फुसलाने के लिये संग सजनी का साथ बहुत भाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lovebond संग सजनी का साथ बहुत भाता है #lovebond