मैंने कभी कहा नहीं, लेकिन गगन से विशाल उसका व्यक्तित्व होता है, चुका नहीं सकते हम जिसका ऋण वो पिता होता है। आस्तित्व मेरा जिसकी वजह से वो पिता होता है, नाम पिता का है पर सच में तो वो एक फरिश्ता होता है। नित नित नमन करूं उस पिता की श्रेष्ठता को ईश्वर की कलाकृतियों का जो करिश्मा होता है गगन भी छू ना पाये जिसकी विशालता को रिश्ता पिता का उससे पर वो तो एक फरिश्ता होता है। ... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' #father day